Hindi | Story चाभी ByOnesha December 11, 2020December 12, 2020 मेघना बुझी सी काम कर रही थी । मैं चाय पीने लगा, और मन ही मन सोचने लगा क्या हमारे कर्म ही ही हमारे जीवन की नियति होते हैं ? चाय खत्म कर मन में उसकी खुशी की दुआ कर मैं वहां से निकल गया ।