याद
सर्द सी वो रैना, और उस रैना में तुम अग्नि उत्सव में हाथ ताप रहे थे। एकटक निहारती ही रही तुम्हे, चेहरे पर तुम्हरे अग्नि के बढ़ते हुए रंग जैसे सुनहरी सी मखमली छाप छोड़े जा रहे थे, तुम्हारा आकर्षक सा चेहरा और सुभग हो चला था।
Magic
You know, stop looking for the person, instead let the person find you…in emotions and feelings there is nothing logical, there is everything magical. Let the magic happen to you.
Fall
Its been a month, A month of us! A month of our splendid moments. The day I felt that OMG,…
ख़ामोशी
ये कैसी विडंबना है जग की, प्यार उसे मिलता है, जो कदर नहीं करता, जो मरता है किसी पर है वो बेपनाह इश्क़ कर बैठता है, दुनिया की सब रंजिशों से परे, बेहद गहरी मुहब्बत उसे ही होती जिसे कभी अपनी मंज़िल नहीं मिलती।
Together
You are driving peacefully, your eyes on the road, I ask you something and you look at me, I can’t read your eyes, Those lovely eyes. I want to keep looking at you, but I can’t. I feel shy, and I look away. Your pretty face, I want to hold your face in my hands and kiss it all over.
निगाहें
कैसे कह दूँ , क्या है मेरे इस दिल में , कहूँ भी न और तुम समझ जाओ। बिना मिले , बिना देखे , बिना सुने मेरी साँसे पढ़ जाओ। कभी किसी से कहा नहीं पर तुमसे कहना चाहता हूँ। पता नहीं तुम समझोगी या नहीं ?
भेंट
तुमने मेरे अंदर कॉफ़ी शॉप में जाने के लिए दरवाज़ा खोला । तुम्हारी कातिलाना मुस्कान, जो की तुम मुझे बार बार मार रहे थे । बोलते हुए तुम्हारे गालों पर डिंपल पड़ रहे थे , मैं तुम्हे देखकर हैरान थी । ऐसा सुन्दर चेहरा, कैसे कोई नहीं रीझा तुम पर या ये कोई चाल है ?
अपराजिता
तुम्हारे मेरे मिलने का सिलसिला चलता रहा, मेरी शामें हसीन और रातें रंगीन हो गयी । हर सुबह तुम्हारा चेहरा देखे बिना लगता ही नहीं था जैसे सवेरा हुआ हो । तुम्हें अपने आगोश में भर कर, तुम्हारे होठों को छू कर मेरी हर सुबह में तुमने अपनी रूह की जो महक मेरे मन में छोड़ दी थी
Autumn
I am reminded of your face, that darn cute face, with deep brown eyes to die for. I am still infatuated at the first sight of you. Such a delight.
खुशी
इंदु सास की मन से सेवा करती फिर भी दिल नहीं जीत पायी । उनके लिए उनकी प्यारी बहु सुमित्रा ही थी । कई साल गुज़र गए । बच्चे बड़े होने लगे । इंदु को अब अपने खून की कमी खलने लगी । कभी कभी दिल बहलाने के लिए बच्चों को ममता भरी नज़रों से देख लेती थी ।