करार
आज पता नहीं क्यों तुम्हारी बहुत याद आ रही है। वो भी क्या दिन थे, जब भी मैं तुमसे कहता था की तुम्हे मिस करता हूँ और तुम, चंद घंटो में मुझसे मिलने के लिए बेताब दौड़ी चली आती थी। तुम्हारा कितना इंतज़ार किया मैंने, उससे भी ज्यादा प्यार किया तुझसे , फिर क्यों आज मैं अकेला सा हूँ इस कहानी में।