Zindagi Khwab hai Khuli Aankhon ka,
Na Jiya jaye, Na Toda jaye!
Zindagi Mukaam hai Do Dilon ka,
Na Chod paye, Na Manzil se mil paye!
Zindagi Tohfa hai Quboolon ka,
Na Liya jaye, Na diya jaye!
Zindagi ka bharosa nahi Do pal ka,
Na Ruka jaye, Na Muda jaye!
Zindagi hai Khel Jahano ka,
Kis pal, kya ho jaye kuch Pata nahi!
Zindagi Vo Aks hai, Paimaano ka,
Na Parkha jaye, Na hi Tola jaye!
KHUL K JEE LO ZINDAGI,
ke Kahin Boht Der na ho jaye!
Kyunki Zindagi Mazhab hai Dil ke Armaano ka,
Na roya jaye, na hasa jaye!
ek Baar hi mili hai Zindagi,
ek baar hath se nikal gyi agar,
Phir na dekh sakte ho, na Mehsus kar sakte ho…
Zindagi Khwab hai khuli ankhon ka,
Jee le ise ke kahin Ye Khwab, HAMESHA Khwab hi na reh jaye!
जिंदगी ख़्वाब है खुली आँखों का,
न जिया जाये , न तोड़ा जाये !
ज़िन्दगी मुकाम है दो दिलों का,
न छोड़ पाएं, न मंज़िल के करीब जा पाएं!
ज़िन्दगी तोहफ़ा है क़ुबूलों का ,
न लिया जाये , न दिया जाये !
ज़िन्दगी का भरोसा नहीं दो पल का,
न रुका जाये, न मुड़ा जाये !
ज़िन्दगी है खेल जहानों का,
न परखा जाये, न ही तोला जाये !
किस पल क्या हो जाये ,कुछ पता नहीं !
ज़िन्दगी वो अक्स है पैमानों का,
खुल के जी लो ज़िन्दगी,
कि कहीं बहुत देर न हो जाये!
क्योंकि ज़िन्दगी मज़हब है दिल के अरमानों का,
न रोया जाये, न हँसा जाये!
एक बार ही मिली है ज़िन्दगी,
एक बार हाथ से निकल गयी,
फिर न देख सकते हो, न महसूस कर सकते हो..
ज़िन्दगी ख्वाब है खुली आँखों का ,
जी ले इसे खुल के , कि कहीं ये ख्वाब, हमेशा ख्वाब ही न रह जाएं!
Bhout khoob!! ?
Dhanyawad 🙂