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Posted in Hindi Story

खुशी

इंदु सास की मन से सेवा करती फिर भी दिल नहीं जीत पायी । उनके लिए उनकी प्यारी बहु सुमित्रा ही थी । कई साल गुज़र गए । बच्चे बड़े होने लगे । इंदु को अब अपने खून की कमी खलने लगी । कभी कभी दिल बहलाने के लिए बच्चों को ममता भरी नज़रों से देख लेती थी ।