मुझे अगर पता होता ये आखिरी लम्हें हैं तुम्हारे मेरे, थोड़ी देर और तुम्हारा हाथ थाम लेता मैं । तुम्हें याद करते ही आँखों से अविरल आँसू बहने लगे और तुम्हारा चेहरा ऐसे सामने आगया जैसे कल की ही बात हो ।
सैलाब से रुखसारों का भीगना इसी तरह चलता रहा लगातार, हर दिन, हर रात । कितना ग़मगीन था मैं, अकेले, इस दिल का प्यार लिए , तुमसे शायद पूरा कर भी नहीं पाया । कभी जता नहीं पाया, कह भी नहीं पाया ।
यही रीत है इस जग की , प्रीत न पूरी होये।
जो होये तो अमर हो जाये पर साथ रहे न कोय ।
मेरे पास शब्द नहीं थे, कैसे कोई समझ सकता है किसी दिलदार के जाने का दुःख । इस दुनिया में इससे बड़ा कोई दुःख नहीं । मैं किससे कहता अपने दिल की बात, मुझे तुम ही चाहिए थी ये बताने को की कितना अधूरा हूँ मैं तुम्हारे बिना, आ जाओ वापस मेरे पास, कह दो ये एक झूठा सपना था ।
तुम गयी नहीं हो और यहीं हो मेरे पास, अभी हौले से दरवाजा खोलोगी और बोलोगी
“कुछ लिखा नहीं आज आपने ?”
कैसे कहूँ इस दिल की व्यथा, न लिख सकता हूँ, शब्दों को जैसे पता ही नहीं है कितनी गहरी है ये दर्द की नदिया, इसका न कोई अंत न जरिया । स्तब्ध हूँ । रुक गया हूँ । जिंदगी का रुख किसी और तरफ ही हो चला है । मैं जानता हूँ ,तुम कभी अब वापस नहीं आओगी । पर हर चेहरे में तुम्हे ढूँढ़ता रहता हूँ । हर रोज़ इसी उम्मीद में उठता हूँ, आज मेरी निशा मुझे पुनः दिख जाएगी, ये बेपनाह मोहब्बत तुम्हें मेरे पास वापस ले आएगी ।
पर शायद मोहब्बत में ही कमी थी मेरे, खुदा ने मुझसे तुम्हें छीन लिया, कुछ पल साथ बिताके, तुम ज़िन्दगी भर की यादें छोड़ गयी, दिल को समझा लिया, खुद को तुम्हारी यादों में डूबा लिया ।
आज भी शांत हो जाता हूँ जब वो तारीखें आती हैं जिन दिनों हमने वो हसीन पल साथ गुज़ारे । थोड़ा सा ही था ये सफर , सुहाना सा ।
मेरी बाहों में आख़िरी साँस लेते हुए तुम्हारा बेबस चेहरा, दुनिया की हर वो चीज़, हर वो दौलत, हर ख़्वाहिश पूरा करने का दम था मुझमे बस वो बेबस चेहरे की लाचारी दूर न कर सका, खुद के बदले भी तुम्हें बचा नहीं सका ।
कोई पूछता है आज भी कैसे हो, खुद से पहले तुम्हारा ख़्याल हो आता है, दिल निःशब्द हो जाता है, मुँह से लफ्ज़ निकल आते हैं, सोचता हूँ, कहीं तुम भी सुनती होंगी तो तस्स्ली कर लेती होंगी, ये दूरियाँ मेरी ही किसी गलती की सज़ा हैं, काट रहा हूँ, तुम्हारा गुनहगार हूँ । अगले जन्म मिलोगी तो शिकायत का मौका नहीं दूँगा । जैसे कहोगी , जैसे बोलोगी वैसे रहूँगा ।
तुम्हारी याद में हमेशा जियूँगा । सदा तुमसे प्रेम करता रहूँगा । बिना रुके आखिरी साँस तक तुम्हारा ही रहूँगा ।
tmhari shabdo ki bunavat ne dhakel dia mujhe aaj se 2 pahle mere ateet me jaha se badi muskil s nikal paya tha mai.. jitne kamal k shabd hai utni hi kamal ki tm ho.. pranam hai tmhe aur tmhare avismarniya shabdkosh ko ?
आपका अत्यधिक आभार । जीवन में कुछ चीज़े शब्दों में भी बयान नहीं हो सकती। आपने समझा और मुझे इस काबिल समझा कि ये शब्द मेरे लिए लिखे ये मेरे लिए अनमोल है। धन्यवाद। आप को भी और आपके असीम शब्दों को कोटि कोटि प्रणाम।